जन्मपत्री का मिलान करने के बाद पंडितजी बोले : बधाई हो, कुण्डली तो ऐसी मिली है जैसे भगवान राम और सीताजी की मिली थी।
इतना सुनते ही लड़की बोली : नहीं माँ, मैं इस लड़के से शादी नहीं कर सकती। मैंने तो यूरोप घूमने के सपने देखे हैं, जंगल घूमने के नहीं।
हँसी ऐसी भाषा है जो हर किसी के समझ में आती है…
‘विश्व हास्य दिवस’ की बहुत बहुत शुभकामनाएं!